दोस्तों राजस्थान के लाल और केंद्र सरकार में अभी हल ही में केन्द्रीय पंचायत मंत्री से हटाए गये नये भूतल मंत्री जो राजस्थान में अभी भी खुद को कोंग्रेस सन्गठन का अध्यक्ष कोंग्रेस विधान के विपरीत बनाये हुए हें वोह सी पी जोशी जी जो जनता की नाराज़गी के साथ साथ खुद की पत्नी की लापरवाही के कारण उनके द्वारा वोट नहीं डालने पर केवल एक वोट से चुनाव हार गये थे और फिर भी सभी सिद्धांतों को ताक में रख कर हारे हुए विधायक होने पर भी मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार बनने की कोशिशों में जुट गये थे उनमें नेतिकता कितनी होगी राष्रीय भाव कितना होगा येह तो आप उनके पूर्व आचरण से ही समझ गये होंगे लेकिन अब इन जनाब ने जनता पर सीधा हमला कर दिया हे कोंग्रेस दोनों हाथों से जनता को लूट रही हे और जनता त्राहि त्राहि कर रही हे लेकिन इन जनाब का दावा हे के जनता महंगाई से त्रस्त नहीं हे उनका कहना हे के अगर भाजपा इस नाम पर आन्दोलन करती हे तो लोग अख्त्ते नहीं होते सी पी जोशी जी का ने इस मामले में जनता को भी ललकारा हे के अगर जनता महंगाई से त्रस्त हे तो वोह फिर सडकों पर क्यूँ नहीं उतरती हे क्यूँ आन्दोलन में भाजपा का साथ नहीं देती हे ।
सी पी जोशी जी आप जीवन भर मुफ्त की तनख्वाह लेकर बिना काम करे जीते रहे हें आपको जनता एके दर्द का क्या पता आप आधारहीन नेता हें आपको अभी आता,गेस,पेट्रोल,प्याज,लस्सन,कपड़े,सोना चंडी खुद खरीद कर लाना नहीं पढ़ते और आप गरीबों में और कार्यकर्ताओं में तो उठते बैठते ही नहीं हें इसलियें आपको महंगाई का दर्द का क्या पता जो इस तरह मानसिक रोगी की तरह बयानबाज़ी कर रहे हो जय हो भिया अगले चुनाव के बाद जब आप किसी ढाबे पर अपने हाल पर रोते हुए मिलेंगे तब आपसे बात करेंगे अभी तो आपके अंदर सत्ता का रावण जिंदा हे जिसे जनता का वोट राम बाण मारेगा तब कहीं रावण राज खत्म होगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 जनवरी 2011
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महगाई के बारे मे इन नेआओ को तभी समझ आत्ता है जब अपनी तनख्वाहे बढाने की माँग संसद में उठाते है , तब तो हर पार्टी एक हो जाई है , और जब जनता की बात आती है तो सब या तो चुप्पी साध लेते है या फिर राजनीत्तिक मुद्दा बनाते है मगर वास्तव मे एक भी कदम नही उहता दिखता जिससे महगाई कम हो
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