दोस्तों हमारा देश अमेरिका में भी अब दलाली और रिश्वतखोरी का बाज़ार गर्म करने लगा हे हमारा देश अमेरिका से जुड़ा रहना चाहता हे वहां अपनी नीतिया लागू करवाना चाहता हे बाज़ार स्थापित करना चाहता हे और इसके लियें हमारे देश के फंड से एक नम्बर यानि एक नम्बर जिसका हिसाब हे ७ करोड़ रूपये दलाली लोबिंग पर खर्च हुए हें यह राशि स्विस बेंक के काले धन की राशी से अलग हे अब दोस्तों हमारी सरकार जब खुद इस मामले में लोबिंग खर्च कर रही हे ।
दोस्तों हमारे देश का किरदार तो खेर दलाली और रिश्वत खोरी का ही रहा हे लेकिन यहाँ भी कई ऐसे लोग हें जिनके किरदार की वजह सें इन रिश्वत खोरों की हालत खराब हो गयी हे चाहे लालू जी हों चाहे पूर्व प्रधानमन्त्री जी हो सभी को सबक मिल चूका हे लेकिन केवल अपने सम्बन्ध बनाने के लियें यह फ़िज़ूल खर्ची क्या ठीक बात हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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