आपका-अख्तर खान

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27 जनवरी 2011

एक सुबह ...

एक सुबह ऐसी भी आई हे
उसके होंटों पर
निशानों के पड़े शिकवे हें
और इस खामोश
शिकवे से
देखो
आज फिर
उसने
सबके सामने
नजर अपनी झुकाई हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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