दोस्तों कोटा में एक कलेक्टर टी रविकांत जो कार्यालय समय प्रारम्भ होने के पूर्व दस मिनट पहले नो बज कर बीस मिनट पर कार्यालय पहुंच जाते थे और इनके कार्यकाल में अधिकारी और कर्मचारी भी वक्त की पाबंदी का मोल समझने लगे थे इसीलियें प्यार से समझाने के बाद जो लोग नहीं समझे उनके खिलाफ पूर्व कलेक्टर ने कार्यवाही के निर्देश देकर तीन दिन में पालना रिपोर्ट के आदेश दिए थे ।
दोस्तों तेज़ तर्रार और वक्त के इस पाबन्द कलेक्टर को राजस्थान सरकार ने हटा दिया और एक आए ऐ एस को कोटा कलेक्टर बना कर लगा दिया कोटा में जब से इन जनाब जी एल गुप्ता जी कलेक्टर ने कार्यभार सम्भाला हे कोटा की दुर्दशा हे कार्यालय जो ९ बजे खुल जाते थे और दस बजे कलेक्ट्रेट में हर हाल में काम शुरू हो जाता था आज उसी कलेक्ट्रेट में दस बजे तक तो मक्खियाँ भिनकती हें और खुद कलेक्टर साडे दस बजे के बाद ही आते हें अब कर्मचारियों के उपस्थिति निरिक्षण की तो हम कह ही नहीं सकते जब खुद कलेक्टर लेट लतीफ हें तो फिर कर्मचारियों की क्या हालत होगी पर्व कलक्टर ने जिन लेट लतीफ कर्मचारियों को चेतावनी देने के बाद भी सुधार करने वाला नहीं माना था उनके खिलाफ तो अब एक माह गुजरने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी हे क्योंकि यह कलेक्टर साहब केसे खुद लेट लतीफ होकर दुसरे कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही कर सकते हें कल एक पत्रकार जी ने जब इन कलेक्टर साहब से जानना चाह तो बस यह जनाब बगले झाँकने लगे एक पत्रकार तो जब उनसे मिलने गये तो इन कलेक्टर साहब ने बोखलाहत में कह दिया के खड़े खड़े बात करो कुर्सी पर बेठने की जुर्रत नहीं हे अब देख लो केसे हें हमारे कलेक्टर । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 जनवरी 2011
लेट लतीफ कोटा कलेक्टर की लेट लतीफ कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं
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