दोस्तों घबराओं नहीं
यह जो सडक पर
भूखा नंगा सिसक रहा हे
यह मेरे देश का गणतन्त्र हे ।
दोस्तों सोचो समझो नहीं
यह जो अरबों के घोटाले हें
मंत्रियों अधिकारीयों की
हठधर्मिता हे
यह कुछ और नहीं '
मेरे देश का गणतन्त्र हे
दोस्तों यह जो संसद में
हिस्ट्री शीटर बदमाश हें
यह जो विधानसभाओं में
असामाजिक तत्व के हंगामे हें
यह कोई और नहीं
मेरे इस देश का गणतन्त्र हे
दोस्तों इधर देखो
यह जो जनता को नेता गालियाँ दे रहा हे
जिस नेता की सुरक्षा पर
करोड़ों खर्च हो रहे हें
यह कुछ और नहीं
मेरे देश का गणतन्त्र हे
दोस्तों यह अदालतें,यह सेना
यह अधिकारी,यह मंत्री
जो जनता का खून चूस रहे हें
यह कोई और नहीं
मेरे देश का गणतन्त्र हे
दोस्तों यह मन्दिर मस्जिद के झगड़े
यह तिरंगे का अपमाना यह चोरी और सीना जोरी यह सियासत
कुछ और नहीं
मेरे इस देश का गणतन्त्र हे
दोस्तों यह अख़बार यह मिडिया
जिसमे खबरें कुछ नहीं
विज्ञापन और चमचागिरी चापलूसी हे
यह मेरे देश का गणतन्त्र हे
दोस्तों जहां कहलाता था
मेरा देश
वीर नोजवानों का अलबेलों का
आज वहां ठुमके हें
शीला की जवानी और मुन्नी के बदनामी के
यह कोई और जगह नहीं
मेरे देश का गणतन्त्र हे
दोस्तों यह घरों में
यह दफ्तरों में
बेजान शरीर से लोग
जो सबकुछ सह कर भी खामोश
सब कुछ सहे जा रहे हें
और लोकतंत्र में
भेड़ बकरियों की तरह से
थोड़े से लालच में
वोट डाले जा रहे हें
यह कोई और नहीं
मेरे देश का लोकतंत्र हे
उठो दोस्तों उठो दोस्तों
अब जाग जाओ
कुछ ऐसा कर दिखाओं
के मेरा सर ना झुके शर्म से
में कहूँ गर्व से
के यह कुछ और नहीं
मेरे इस देश का गणतन्त्र हे
उठो दोस्तों उठो कुछ ऐसा करो
कुछ ऐसों को चुनों
जो कुछ ऐसा कर दिखाएँ
इस देश इस देश के लोगों के लियें
के आप और में सब मिलकर कहें
यह मेरे इस महान भारत का गणतन्त्र हे
क्या मेरा यह सपना हे
क्या मेरा यह सपना
कभी पूरा हो सकेगा
अगर हाँ तो आओ आज से ही
हम और आप मिलकर
इस देश के गणतन्त्र को
भीड़ तन्त्र से बचा कर
अफवाह तन्त्र और तबाही तन्त्र साम्प्रदायिक तन्त्र से बचा कर
जीवित गणतन्त्र बनाने के प्रयासों में जुट जाएँ देश में देश का कानून
देश का संविधान लागू हो
देश के संविधान के कर्तव्यों और अधिकारों का सामंजस्य बिठाये
भूखों को रोटी ,नंगे को कपड़ा ,पीड़ित को न्याय और बेरोजगार को रोज़गार दें
जो अनपढ़ हे उसे मुफ्त शिक्षा दें
बस यही मेरे इस गणतन्त्र पर मेरा
यह एक मात्र संकल्प हे ।
इस संकल्प को पूरा करने के बाद ही
में आप से सच्चे दिल से
जय गणतन्त्र जय भारत कहूंगा
वरना रस्मन तो कह देता हूँ
गणतन्त्र दिवस मुबारक हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 जनवरी 2011
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रस्मन ही सही- गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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