आपका-अख्तर खान

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09 जनवरी 2011

सब कुछ तुम्हारा लेकिन तुम मेरे हो

जिंदगी की
हर ख़ुशी
सिर्फ
तुम्हारे लियें
म़ोत अगर कहीं हो
तो वोह मेरे लियें
जिंदगी की
जो भी खुशिया हों
वोह सब
तुम्हारे लियें
तुम्हारे हिस्से के
जो भी गम हों
वोह सब
मेरे लियें
यह खुश हाली , यह नामवरी
सब कुछ
तुम्हारे लियें
कोई तकलीफ
कोई अकेलापन हो
तो वोह सिर्फ मेरे लियें
दुनिया का जो कुछ भी
अच्छा हे
वोह सब तुम्हारे लियें
दुनिया तुम्हारे लियें हे
लेकिन
तुम हो बस मेरे लियें
तुम हो बस मेरे लियें ..... ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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