आपका-अख्तर खान

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26 जनवरी 2011

गुर्जर आन्दोलन के वक्त इस गणतन्त्र में जनता के बंधक बनने की ज़िंदा तस्वीर

एरे-गेरे राजनीती की दुकान सजाये बैठे है,
जिसको देखो जहाँ-तहाँ पर जाम लगाये बैठे है.
आरक्षण के मुद्दे पर बंधक बन गया राजस्थान,
आना-जाना दूभर हो गया आमजन हुआ परेशान,
रेल-पटरियों पर देखो गुर्जेर टेंट गढाए बैठे है,
जिसको देखो जहाँ-तहाँ ..................
कॉलेज में गुट बने हुए है ऐसी पढाई होती है,
जब देखो लात और घूंसे बिन बात लढाई होती है,
अपना प्रभाव जमाने हेतु हड़ताल कराए बैठे है,
जिसको देखो जहाँ-तहाँ...............
आयकर की रेड पड़े तो व्यापारी कर दे हड़ताल,
मिलावट के सेम्पल लेना बन गया अब जी का जंजाल,
कही पे पुतले और कही पे टायर जलाये बैठे है,
जिसको देखो जहाँ-तहाँ..............
.............इन्दर पाल सिंह,"निडर"
दोस्तों यह मेरे देश के इस गणतन्त्र की तस्वीर हे जहां आम जनता यानी गणतन्त्र जिसकी सुरक्षा के लियें सरकार अरबों खरबों खर्च करने का दावा करती हे इस गणतन्त्र में उन्हें के कसे नाजायज़ बंधक बनाये रखा गया । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

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