कसम हे तेरी
आज से
जाम
ना पियेंगे
तुने देखा
मुझे
जिस हालत में
और आंसू तेरे निकल गये
आंसुओं में
सराबोर
आँखें तेरी
खुद जाम हो गयीं
बस तेरे आंसुओं की कसम
अब तेरी
ऐसी हालत
फिर कभी ना हो
इसलियें
अब कभी हम
जाम
नहीं पियेंगे ।
तेरे साथ
तेरी ज़ुल्फ़
तेरे इस जान के साथ
ही बस
अब हम
जियेंगे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 जनवरी 2011
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very nice.
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