जी हाँ दोस्तों सर्दी से शहर की सडकें भी टूट जाती हें और ऐसी टूटी सडकों के लियें इंजीनियर और ठेकेदार को ज़िम्मेदार नहीं ठराया जा सकता यह कथन किसी वैज्ञानिक का नहीं बलके कोटा में भर्स्ट इंजीनियर और ठेकेदार को बचाने के प्रयासों में जुटे प्रशासनिक अधिकारीयों का हे ।
कोटा में नगर निगम के साथ वार्डों में डेढ़ करोड़ के निर्माण कार्य नगर विकास न्यास के जरिये वार्ड पार्षदों को करवाना थे प्रति वार्ड २५,२५ लाख रूपये के इन विकास कार्यों में खुल कर घटिया निर्माण हुआ सडकें नाली पतन उखड़ गये मंत्री जी से शिकायत हुई इस मामले में न्यास इंजीनियरों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गये कोटा कलेक्टर न्यास के अध्यक्ष भी थे इसलियें इंजीनियरों के खिलाफ कार्यवाही हुई लेकिन हाल ही में कलेक्टर का तबादला हो गया नये कलेक्टर आ गये और नये कलेक्टर के कार्यभार सभालते ही नगर विकास न्यास के सचिव आर डी मीणा ने भ्रष्ट इंजीनियरों और ठेकेदारों को बचाने के लियें एक हास्यास्पद सा बयान दे डाला न्यास सचिव जी का कहना हे के यह सडकों और नाली पटान का निर्माण घटिया नहीं हे बलके सर्दी से उखड़ गये हें यह सडकें और निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये थे और कलेक्टर के बदलते ही इसे देखने का नजरिया बदल गया हे न मजेदार बात कोटा से जहां कई गुना सर्दी पढ़ती हे ठिठुरन होती हे वहां आज तक न तो सडकें टूटी हें और ना ही मकान या कोई और निर्माण टुटा हे फिर भी प्रशासन का भ्र्स्ताचारियों को बचाने का यह हास्यास्पद बयान मेरे इस देश को और महान बनाता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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