हमारे देश और खासकर राजस्थान सरकार के प्रशासन में इन दिनों कोई भी काम बिना धरने प्रदर्शन चक्का जाम के सम्भव सा नहीं लग रहा हे यहाँ सरकार को जो वाजिब काम करना होता हे उसके लियें भी अब लोगों को धरना प्रदर्शन करना पढ़ता हे और फिर जनजीवन अस्तव्यस्त होने के बाद मुकदमे बाज़ी भी बेवजह बढ़ रही हे ।
दोस्तों राजस्थान के कोटा शहर में एक ट्रोले में मोटर साइकल के घस जाने से दो बच्चों की निर्मम म़ोत हो गयी एक बच्चा जो बचा था उसका बयान था के कुछ पुलिस कर्मियों ने मोटर साइकल के पीछे भाग के उसे धक्का दिया जिससे बेलेंस बिगड़ जाने से यह हादसा हुआ सब जानते हें के अगर ऐसी कोई शिकायत आई हे तो उसकी जांच होना जरूरी क्योंकि शिकायत पुलिस के खिलाफ थी इसलियें पुलिस से पुलिस की जाँच सम्भव नहीं थी यह जाँच कार्यपालक मजिस्ट्रेट से होना थी यह आदेश दुर्घटना के बाद जेसे ही घायल का बयान आया था हो जाना चाहिए था हादसा खतरनाक था इसलियें मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी इन म्रतकों के परिजन अधिक सहायता राशी प्राप्त करने के हकदार थे , कोटा में इस हादसे के बाद अस्पताल में भाजपा के दो विधायकों ओम बिरला और भवानी सिंह राजावत ने परिजनों को सांत्वना दी और सरकार से दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करने जनच करने और म्रतक के परिजनों को पांच पांच लाख की सहायता राशी देने की मांग की वहां यह चेतावनी भी दी गयी के अगर कल तक यह मांगे पूरी नहीं की तो फिर शव को लेकर आन्दोलन होगा । सरकार ने और सरकार के प्रशासन ने खुद कोई निर्णय नहीं लिया सरकार रात भर सोती रही कोई मांग पूरी नहीं की गयी ना तो जांच हुई और ना ही आर्थिक मदद की बात की गयी म्रतक के परिजनों से प्रशासन के अधिकारीयों ने बात तक नहीं की नतीजन दुसरे दिन मकर सक्रांति का पर्व होते हुए भी शव के साथ भाजपा के दोनों विधायक ओम बिरला और भवानी सिंह के नेत्रत्व में लोग अख्त्ते हुए लोगों को जब पता चला के निर्दयी सरकार दोषियों के खिलाफ शिकायत मिलने पर भी जांच तक नहीं करवाना चाहती हे और कोई आर्थिक मदद नहीं दे रही हे तो लोग भडक गये और शव चोराहे पर ले जाकर चक्का जाम किया गया प्रशासन को मांगे बता दी गयीं घंटे भर तक इन्तिज़ार किया जब कोई जवाब नहीं आया तो फिर जन आक्रोश तो और भडक गया और जनता नेताओं के साथ अपनी वाली पर आ गयी भाजपा के विधायक ओम बिरला ने अल्टीमेटम दे डाला के अगर जल्दी कार्यवाही नहीं हुई तो फिर प्रशासन की खेर नहीं उन्होंने घोषणा केइस के म्रतक के परिजनों को वोह भीख मांग कर एक लाख रूपये की सहायता देंगे और परिजनों की पढाई सहित आवश्यक खर्च वोह उठाएंगे सरकार ने नहीं सूना फिर जनता ने तोड़ फोड़ शुरू की जनता की परेशानी की हां हां कार सरकार तक पहुंची और सरकार ने तुरंत शिकायत की जाँच प्रशासनिक अधिकारी से करवाने और म्रतक के परिजनों को एक एक लाख रूपये की आर्थिक मदद की घोषणा की । इधर पुलिस ने चक्का जाम मामले में भाजपा के दोनों विधायकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया हे ।
अब जनाब अगर कोटा का प्रशासन और राजस्थान सरकार के अधिकारी इस पूरी घटना क्रम में सूझ बुझ से पहले ही प्रशासनिक निर्णय ले लेते तो एक तो सरकार की वाह वाही होती दुसरे चक्का जाम और प्रदर्शन से पुलिस प्रशासन और जनता परेशान नहीं होती मुकदमे दर्ज नहीं होते अब इसलियें कहते हे के राजस्थान में बिना किसी आन्दोलन के वाजिब मांगों पर भी कोई विचार नहीं किया जाता हे क्या इस सरकार को संवेदनशील और पारदर्शी सरकार कहेंगे या फिर अधिकारी जो कोटा में लगे हें वोह सरकार की साख को पलीता लगाने और भाजपा को हीरो बनाने के लियें यह सब काम कर रहे हें इस सारे घटना क्रम में कोंग्रेस और सरकार जीरों और भाजपा और भाजपा के विधायक हीरो साबित हुए हें लेकिन सरकार हे के समझती ही नहीं अगर इस घटना क्रम पर मुख्यमत्री जी ने गम्भीर निर्णय लेकर लापरवाह और सुस्त अधिकारीयों की खबर नहीं ली तो यह लापरवाह अधिकारी फिर सरकार की साख को बट्टा लगाते रहेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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