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07 जनवरी 2011

राजस्थान में विधवा परित्यक्ताएँ अब मुसीबत में

राजस्थान में विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को अब अपना परिवार पालने के लियें नोकरी करना महंगा पढ़ गया हे राजस्थान सरकार ने ऐसी उपेक्षित और पीड़ित महिलाओं को नोकरी देने के मामले में जो उदार नियम बनाये थे अब उन्हें नोकरी देने के लियें उदारता छोड़ कर सरकार ने कठोर निर्णय लिया हे और पीड़ित को सार्वजनिक आम लोगों के साथ जोड़ कर एक अलग नियम बना दिया हे । इस नये नियम के तहत अब तलाकशुदा महिलाओं और विधवाओं को भी आम अभ्यर्थी कीतरह पहले परीक्षा देना पढ़ेगी फिर कहीं उसे अलग से आरक्षित कोटे की मेरिट में आने पर नोकरी दी जायेगी जबकि इसके पहले विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को राजस्थान सरकार तत्काल नोकरी देती रही हे इसके लियें कोई परीक्षा नहीं ली गयी हे और अध्यापक पद पर तेनात महिलाओं से तो नोकरी देकर बाद में बी एड वगेरा का प्रशिक्ष्ण करवाया जाता रहा हे लेकिन सरकार की इस योजना से राजस्थान की पीड़ित उपेक्षित और तलाकशुदा विधवाएं परेशान हो गयी हें क्योंकि अब समाज में उन्हें खुद को स्थापित करने के लियें कठिन अमानवीय दोर से गुजरना होगा वी तो इस मामले में राजस्थान की ही कोंग्रेसी नेता गिरजा व्यास जो राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरमेन हें उन्हें हस्तक्षेप कर सरकार को रोकना चाहिए वरना सरकार की इस बेवकूफी को फिर अदालतें तो रोकेंगी ही सही । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. विधवाओं को सहारे के लिए नौकरी मिलनी चाहिए। परीक्षा इस बात के लिए होनी चाहिए कि वे किस तरह की नौकरी के लिए उपयुक्त हैं।

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