आपका-अख्तर खान

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02 जनवरी 2011

इज़हार होना चाहिए

इश्क हे तो
छुपाओ ना कभी
इसका
इज़हार होना चाहिए
आराम के लिएँ
एक दिन
आदमी को
बीमार भी
होना चाहिए
ऐ यादों
तुम भी सुन लो
एक दिन की
छुट्टी दे दो
इश्क हो चाहे हो प्यार
इसमें भी
कमसे कम
एक तो इतवार
होना चाहिए
और प्यार को
देना हे
अगर लम्बी
जिंदगी
तो फिर
एक दुसरे पर
एक दुसरे का
एतेबार भी होना चाहिए ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. शब्दों का बहुत ही खुबसूरत तानाबाना बुना है आपने दोस्त !
    बधाई स्वीकारे !

    जवाब देंहटाएं
  2. इतवार और ऐतबार की युति अच्‍छी बनी है.

    जवाब देंहटाएं

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