आपका-अख्तर खान

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03 जनवरी 2011

केवल दो आंसू थे वोह भी गये ..

जो दो थे वोह भी गये ...

किसमत रूठी
दिल के तार टूटे
जो देखे थे सपने
वोह सब
पुरे होने के
पहले ही टूटे
आंखों में
बेशकीमती थे
सिर्फ दो आंसू
वोह भी कमबख्त
याद उनकी आई
तो आँखों से बह गये ................. ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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