देश के इतिहास में पहली बार केंद्र सरकार भ्रष्ट लोगों की शरण स्थली बन गयी हे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें हो कोंग्रेस हो या भाजपा या कोई और राजनितिक दल हो सभी भ्रष्ट लोगों के संरक्षक बन गये हें ।
हाल ही में सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह पर दबाव बनाकर देश भर के भ्रस्टाचार को उजागर करने और नियंत्रित करने के लियें दक्षिणी भारत के थोमस को केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त के पद पर नियुक्त किया था देश के हर व्यक्ति हर अख़बार और सुप्रीम कोर्ट ने उनसे इस पद पर भ्रस्ताचार के आरोप होने के कारण नहीं रहने का सुझाव दिया लेकिन वोह नहीं माने सरकार ने उन्हें नहीं हटाया और नतीजा आज इस महत्वपूर्ण पद पर जो देश में भ्रस्टाचार नियंत्रित करने वाली संस्था का मुखिया हे ऐसा व्यक्ति हे जिसके लियें गली गली में शोर हे सतर्कता आयुक्त चोर हे का नारा लग रहा हे ।
कल सुप्रीम कोर्ट ने थोमस के खिलाफ दो करोड़ आठ लाख रूपये के घोटाले के मामले में नोटिस जारी किया हे और पोम ऑयल घोटाले के मामले में जवाब तलब किया हे अब सोचो जिस अधिकारी को देश की सर्वोच्च न्यायालय प्रथम द्रष्टया भ्रष्ट करार दे चुकी हो और वोह फिर भी इस शीर्ष पद पर जमा रहे तो इन की नेतिकता तो खत्म हो गयी हे लेकिन सरकार प्रधानमन्त्री राष्ट्रपति जो इन्हें बर्खास्त करने के लियें वचनबद्ध हे वोह भी अगर चुप बेठ जाएँ तो फिर देश का और देश की जनता का क्या होगा ...... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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