दोस्तों एक मनमोहन सिंह हें जो पहले किसी बेंक में कर्मचारी हुआ करते थे उनके अधिकारी उनसे मनचाहा काम करवाते थे अब यह मनमोहन सिंह कर्मचारी नहीं रहे हें विश्व के बेईमान भ्रष्टों के दोस्त बन गये हें और अब यह इन काले दिल के काले पेसे वालों को बचाने के लियें खुद की राष्ट्रीयता दाव पर लगाने को तय्यार हें ।
दोस्तों देश के कई नेताओं अधिकारीयों उद्ध्योग्पतियों ने जर्मनी में देश का काला धन अख्त्ता कर रखा हे और इस धन को वापस देश में लाने के लियें देश का बच्चा बच्चा कोशिशों में जुटा हे इस कोशिश का ही नतीजा था के जर्मनी ने भारत की सरकार को एक सूचि उपलब्ध करा दी इस सूचि में देश के काले धन को विदेशों में सुरक्षित रखने वाले गद्दारों के नाम शामिल हें देश की जनता इस सूचि को देखना चाहती हे इस धन को वापस देश में लाना चाहती हे लेकिन बेंक के पूर्व कर्मचारी मनमोहन सिंह यह सब करने को तय्यार नहीं हें उन्हें देश के कानून राष्ट्रीयता से कोई लेना देना नहीं हे केंद्र सरकार को इस मामले में देश के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों जम कर फटकर लगाई लेकिन अचानक प्रधानमन्त्री खुल कर बोलने लगे के हम विदेश में देश के जमा रुपयों की सूचि सार्वजनिक नहीं कर सकते इससे विदेशी समझोतों पर असर पढ़ेगा मनमोहन के लियें देश से देश की आर्थिक स्थिति से ज्यादा जरूरी विदेशियों से किये गये वायदों की फ़िक्र हे हमारा देश जल रहा हे आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई हे कर्ज़ में डूबा हे और हमारे देश के रुपयों से विदेश और देश के गद्दार मजे कर रहे हें लेकिन प्रधानमन्त्री जी हें के कहते हें के हम यह रुपया देश में नहीं ला सकते हम इस सूचि को सार्वजनिक नहीं कर सकते अब बताओ के जब देश के प्रधानमन्त्री की खुद सुर्प्रिम कोर्ट के आदेश और जनता की भावना के बाद भी यह विचारधारा रहेगी तो फिर क्या देश को किसी गद्दार की जरूरत रह जाती हे नहीं ना .......... ।
संचार घोटाले में जे पी सी की अब याद आई
देश का सबसे बढा संचार घोटाला जिसकी जांच विपक्ष याने भाजपा संयुक्त संसदीय समिति से करवाने की मांग कर रही हे मांग वाजिब हे सरकार को यह मांग मां लेना चाहिए थी और दोषियों को सजा मिले इसके लियें देश की मदद करना चाहिए थी लेकिन देश की प्रधानमन्त्री और सरकार भ्रष्ट लोगों को बचाना चाहती थी इसलियें वोह जिद पर अड़ गयी और आवश्यक जे पी सी के गठन से इंकार कर दिया नतीजन विपक्ष अपनी वाजिब मनाग पर अड़ा रहा और संसद नहीं चली अब एक न्य मुद्दा काले धन का भी आ गया हे तो उसे दबाने के लियें प्रधानमन्त्री जी थूक के चाट रहे हें कह रहे हें हम जे पी सी के गठन और संसद में इस मामले पर चर्चा के लियें तय्यार हें प्रधानमन्त्री जी देश से बढ़ा ना तो आप हें ना आपकी सोनिया जी और ना ही आपके विदेश में बेठे वोह आका जिनके आपका रिमोट हे इसलियें प्लीज़ देश को सभी भ्रष्ट लोगों की आवश्यक जानकारियाँ दे दो ताकि देश ऐसे गद्दारों को सजा दे सके । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 जनवरी 2011
देश के काले धन की जानकारी प्रधान मंत्री जी नहीं देंगे :: संसद को चलाने के लियें भूल सुधर का प्रयास
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
हो सकता हे इस इमानदार का नाम उस सुची मे दुसरे ना० पर हो...
जवाब देंहटाएं