आपका-अख्तर खान

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15 जनवरी 2011

जीने का मन्त्र

जो जिंदगी को
अपनी शर्तों पर
जीते हें
उन्हें कभी
ख़ुशी नहीं
मिलती ,
सच्ची ख़ुशी
सिर्फ
उन्हें ही मिलती हे
जो दूसरों के लियें
अपनी शर्तों को
अपने तरीकों को
बदल कर
जिया करते हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

4 टिप्‍पणियां:

  1. बात बहुत गहरी है। कुर्बानी तक जाती है।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपने बिलकुल सही लिखा है साथ ही मैं श्रीमान ज़ाकिर अली ‘रजनीश’, मीनाक्षी पन्त और दिनेशराय द्विवेदी के कथन से पूरी तरह से सहमत हूँ.

    नियमित रूप से मेरा ब्लॉग http://rksirfiraa.blogspot.com , http://sirfiraa.blogspot.com, http://mubarakbad.blogspot.com, http://aapkomubarakho.blogspot.com, http://aap-ki-shayari.blogspot.com & http://sachchadost.blogspot.com देखें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. अच्छी या बुरी टिप्पणियाँ आप भी करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.# निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:9868262751, 9910350461 email: sirfiraa@gmail.com,

    जवाब देंहटाएं

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