कहावत हे कव्वा चले हंस की चाल अपनी भी चाल भूल जाये और राजस्थान में कमिश्नर पुलिस प्रणाली लागु करने के मामले में राजस्थान सरकार ने कुछ ऐसा ही किया हे जयपुर राजस्थान की राजधानी हे यहाँ की आबादी और पुलिस प्रशासन निश्चित तोर पर कमिश्नर प्रणाली की मांग करता हे और इसीलियें जयपुर में कमिश्नर प्रणाली लागु करने की प्रक्रिया शुरू की गयी इस प्रणाली में मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र जोधपुर होने के कारण जोधपुर में भी कमिश्नर प्रणाली की प्रक्रिया शुरू की गयी , जोधपुर जो कोटा सी भी बहुत छोटा और पिछड़ा शहर हे वहां अपराधों की संख्या भी कोटा से कम हे फिर भी कोटा को नजर अंदाज़ कर जोधपुर को जयपुर के साथ दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत मेट्रो सिटी घोषित किया और अचानक जोधपुर में भी कमिश्र पुलिस प्रणाली लागु कर दी ।
एक जनवरी २०११ से जयपुर जोधपुर में कमिश्नर प्रणाली लागु की गयी हे पुराने आई जी को पुलिस कमिश्नर का पद दिया गया हे जबकि वरिष्ठता को इसमें आधार नहीं बनाया हे वफादारी को ही केवल आधार बनाया गया हे अब आज ३ दिसम्बर खत्म हो गयी हे लेकिन एक जनवरी से लागु इस प्रक्रिया में जयपुर या जोधपुर के कमिश्नर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की हे करते भी केसे उनकी अचानक नियुक्ति होने से वो खुद हतप्रभ हे और उन्होंने खुद ने दुसरे राज्यों की कमिश्नर प्रणाली की कार्यवाही का प्रशिक्ष्ण भी नहीं लिया हे इसलियें अभी वर्तमान में तो बस यही स्थिति हे के कव्वा चले हंस की चल और अपनी चल भी भूल गया हे और इसी लियें अभी पुलिस तमाशा बनी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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