आपका-अख्तर खान

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02 जनवरी 2011

एक बार मुस्कुराओ जरा

एक बार मुस्कुरा दो .....

फुल को देखो
वोह खिल कर भी
उदास हे
कल टूट जाएगा
माली के हाथों
उसे
इसका
एहसास हे
समुन्द्र को देखो
कितनी नदिया
गिरती हें
उसमें
खुद का
खरा पानी होने से
फिर भी उसे
मीठे पानी की प्यास हे
इस खुबसुरत चेहरे पर
नाज़ुक से इन होंटों से
जरा थोड़ा सा
मुस्कुरा दो
क्योंकि
कहते हें
के खुदा को
इस दुनिया में
सबसे
प्यारी हंसी की
तलाश हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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