तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 दिसंबर 2010
कानून को लागू करने के लियें सुप्रीम कोर्ट ने कहा
देश में जनता को बेवकूफ बनाने के लियें कानून तो बना दिए जाते हें लेकिन पूंजीपतियों के दबाव में उसे लागू नहीं किया जाता हे हरे देश में शिक्षा की गारंटी कानून बनाया गया लेकिन आज तक उसे लागू नहीं किया गया सरकार ने इस कानून को लागु करने की तारीख आगे बढ़ा दी बस इसीलियें कल सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी हे के निजी स्कूलों में २५ फीसदी गरीबों के बच्चों को प्रवेश दिया जाए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से मजे कर रही सरकार के कान खड़े हुए और सरकार के मंत्री कपिल सिब्बल ने सफाई देना शुरू करी के हमने तो नोव्म्बर में गाइड लाइन जारी कर दी थी और इस व्यस्था को लागू करने में हम पीछे नहीं हे सरकार खासकर निजी स्कूलों को नियंत्रित करने वाला केन्दिर शिक्षा बोर्ड और मानव संसाधन मंत्रालय तो लुट में नम्बर वन हे और इस स्थिति में अगर देश में शिक्षा में एक रूपता , कोर्स में एकरूपता , ड्रेस में एक रूपता हो जाए और सभी प्रवेश में सी बी एस इस को मेरिट का आधार बनाया जाए तो देश से स्कूलों की लुट खसोट भी खत्म होगी और साथ ही स्कूली शिक्षा का मान सम्मान भी बढ़ेगा लेकिन सरकार को फिर मजे करने के लियें लुटने का मोका खत्म हो जाएगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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बात इस से आगे जाती है। वस्तुतः सरकार को जनता की कोई फिक्र नहीं है। उसे उस की बस इतनी फिक्र रहती है कि अगला चुनाव जीता जा सके। बाकी तो उसे सिर्फ पूंजीपतियों की सेवा करनी है। इस व्यवस्था में सरकार की भूमिका भी यही है।
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