देश की सबसे बड़ी राजनितिक पार्टी कोग्रेस यानि इंडियन नेशनल कोंग्रेस यानी गाँधी और नेहरु परिवार की लिमिटेड कम्पनी कोंग्रेस के १२५ साल पुरे हो गये हें और २८ तारीख यानी कल इस मामले को लेकर कोंग्रेस जिले से लेकर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित करेंगी ।
भारत में गुलामी से आज़ादी के मामले में ऐ ओ ह्युम ने कोंग्रेस का गठन किया था यानि कोंग्रेस का गठन किसी भारतीय ने नहीं विदेशी ने किया था और कोंग्रेस पर प्रारम्भ से ही इसाइयत का साया रहा हे कोंग्रेस बढती गयी गाँधी और नेहरु इस पार्टी से जुड़ते गये और फिर यह कोंग्रेस केवल और केवल गांधी और नेहरु की लिमिटेड कम्पनी बन कर रह गयी , देश में कोंग्रेस को जनता ने प्यार दिया सत्ता दी दलित,पिछड़े,अल्पसंख्यक स्थायी वोटर दिए लेकिन उनकी हालत किया हे सब जानते हें ,घोटालों का इतिहास आपात स्थिति सब ओ पता हे गाँधी जी राष्ट्रपिता थे तो नेहरु जी प्रधानमन्त्री फिर नेहरु से कोंग्रेस कुछ दिनों बाद नेहरु की पुत्री इंदिरा जी के कब्जे में हो गयी फिर संजय गाँधी फिर राजीव गाँधी फिर सोनिया गाँधी फिर राहुल गाँधी , मेनका और वरुण गाँधी ,प्रियंका गाँधी यानी कोंग्रेस जहा पनाह ,आलम पनाह की पार्टी बन कर रह गयी हे मेने अपने जीवन में कोंग्रेस की सन्गठन की अध्यक्ष के कोंग्रेस विधान के हिसाब से कभी सदस्य बनते हुए और कभी लोकतान्त्रिक तरीके से चुनाव करवाकर अध्यक्ष निर्वाचित करवाते नहीं देखा , मेने कोंग्रेस मंत्रियों के इर्द गिर्द मलाई खाते किसी भी कोंग्रेसी को नहीं देखा कभी कोंग्रेस कार्यालय पर किसी भी कोंग्रेस के मंत्री या मुख्यमंत्री को जनसमस्याएं सुनते हुए नहीं देखा यानि कोंग्रेस में वोह सब हुआ जो कोंग्रेस के विधान में नहीं लिखा हे कोंग्रेस के विधान में कोंग्रेस के सदस्यों के लियें लोकतान्त्रिक तरीके से चुनाव करना ,खादी पहनना ,अपनी वार्षिक आय का हिसाब किताब कार्यालय में जमा कराकर उसका ५ प्रतिशत कोंग्रेस फंड में जमा कराना और पुरे साल में कमसे कम सात दिनों का अवकाश लेकर सात दिनों तक जनता के बीच जाकर जनता की सेवा करना शामिल हे । अब कोंग्रेस के १२५ वर्ष पुरे हो रहे हें लेकिन कोई भी कोंग्रेस के विधान को लागु करने और कोंग्रेस में लोकतान्त्रिक व्यवस्था स्थापित करवाने के प्रति गम्भीर नहीं हे चुनाव हों और सोनिया जी बेलेट से जीतकर आयें किसी को एतराज़ नहीं हे राहुल जी सोनिया जी मनमोहन जी या कोई भी हीं सब अपनी बेलेंस शीट कोंग्रेस कार्यालय में पेश करें और उस आमदनी का ५ प्रतिशत कोंग्रेस कार्यालय के फंड में जमा कराएं सैट दिन का अवकाश लें और जनता के बीच आकर कर सेवा करें यहीं कोंग्रेस का धर्म हे जी हुजूरी और यस सर कोंग्रेस की परम्परा नहीं थी जो आज़ादी के बाद मोका परस्तों ने बना डाली हे इसलियें भाइयों ब्लोगर साथियों आप भी कोंग्रेस में जन जागरण कार्यक्र की कोशिश करें ताकि देश एक बार फिर महगाई,भुखमरी,जातिवाद ,आरक्षण,मिलावट ,जमाखोरी,भ्रस्ताचार,आतंकवाद से मुक्त हो सके ............... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 दिसंबर 2010
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जानकारी और विश्लेषण का संगम है आपकी यह पोस्ट ....शुक्रिया
जवाब देंहटाएंVery nice analysis.
जवाब देंहटाएंआप काफी रोचक जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैँ । आभार अख्तर भाई ।
" नज़रेँ मिलाके ना नज़रेँ झुकाओ "
हम इंसान हैं यही हमारे लिए महत्वपूर्ण है..…वीणा श्रीवास्तव
जवाब देंहटाएंअपने 'स्व' की मद में डूबा इन्सान सूक्तियां बोलता है..रश्मि प्रभा...एक अनुरोध है सभी ब्लोगर भाइयों से
अजब ब्लॉगजगत की गजब कहानी भाग -२ टिप्पणी ब्लोगर समूह
काश ऐसा होता।
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अंधविश्वासी तथा मूर्ख में फर्क।
मासिक धर्म : एक कुदरती प्रक्रिया।