आपका-अख्तर खान

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27 दिसंबर 2010

मेरा पढने में नहीं लागे दिल

मेरा पढने में
नहीं लागे
अब दिल ,
मेरे लियें
अब
पढाई हुई मुश्किल ,
क्यूंकि
पहले तो
मुन्नी
बदनाम हुई थी
और अब
खुद ही देख लो
शीला
जवान हो गयी हे ।
इसलियें छोड़ों
किताबें
उठो
मेरे साथ
और कहो
एक साथ
मेरा पढने में
नहीं लागे दिल ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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