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16 दिसंबर 2010

कामयाबी का राज़

लोग कहते हें
कामयाबी का राज़
खुद के अंदर ही छुपा हे
कामयाब आदमी
दो चीजें
अपने साथ रखते हें
और भाई
द्विवेदी जी के आरोपित
अवसाद से
निजात रखते हें
दोस्तों
चेहरे पर मुस्कान
खामोश जुबान
बस
कामयाबी के यही
दो हथियार हें
जो सदा
आपके होंटों पर
रहना चाहिए
चेहरे की मुस्कान
समस्या का समाधान करती हे
तो होंटों की खामोशी
आपको आने वाली
मुसीबत से बचाती हे
बस अवसाद से
दूर बहुत दूर
कामयाब रहने का
यही एक
फार्मूला हे
जो हर वक्त
मेरे साथ हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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