आपका-अख्तर खान

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16 दिसंबर 2010

दिल की गहराई से पढो

मेरी बात
जरा
दिल की गहराई
से पढो
और एक
हकीकत को
दिल से
जान लो
ना कोई किसी से
दूर होता हे
ना कोई
किसी के
करीब होता हे
जिंदगी किसी को
किसी के
खुद ही
नजदीक ला देती हे
जब कोई
किसी के
नसीब में होता हे
कुछ लोग
मेरी तरह भी होते हें
जिन्हें कोई मिलता नही
बस अकेलापन और अकेलापन
उनका नसीब होता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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