आपका-अख्तर खान

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22 दिसंबर 2010

आज देश का सबसे छोटा दिन हे

दोस्तों आज विश्व का सबसे छोटा दिन हे छोटा दिन यानि इस साल का दिन यही दिन अगले साला अगर में जीवित रहा तो भी और नहीं रहा तो भी आयेगा और छोटा दिन होगा यह कुदरत का करिश्मा हे के साल में एक दिन सबसे छोटा और एक दिन सबसे बढ़ा रहता हे । इस दिन भोबोलिक और धार्मिक दोनों म्ह्त्तायें हें वक्त ५ बजकर ८ मिनट पर सूरज जी चुप जायेंगे और मकर सक्रांति का पुन्य पर्व शुरू होगा इस दोरान लोग दान दक्षिणा के कार्यक्रम करते हें वेसे इस दिन की महत्ता इसलियें भी हे के इस दिन भीष्म पिता माह जो महाभारत के महत्वपूर्ण किरदार थे उन्हें इच्छा म्रत्यु का वरदान मिलने के कारण तीरों की शय्या पर उन्होंने आज के ही दिन स्वेच्छा से प्राण त्यागे थे । लेकिन दोस्तों दिन छोटा हो या बढ़ा क्या फर्क पढ़ता हे काम बढ़े होना चाहियें और सभी लोगों को मिलजुलकर भाईचारे सद्भावना से रहना चाहिए खेर इस छोटे से दिन पर सभी ब्लोगर्स भाईयों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाये क्रप्या स्वीकार करें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. अख्तर भाई आपको भी शुभकामनायेँ ।
    बहुत ही अच्छी जानकारी प्रदान की है आपने धन्यवाद।

    मेरे ब्लोग पर भी आपका स्वागत है।

    " ना जाते थे किसी दर पे हम "

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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