तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 दिसंबर 2010
राहुल के बयान पर बवाल
एक विदेशी साजिश करता राहुल के किसी बयान का कथित रूप से खुलासा करता हे और हमारे देश वासी अपने देश के लोगों के अलावा इस विदेशी की बात पर यकीन कर बयान की तस्दीक किये बगेर देश में अराजकता का माहोल करने का प्रयास करता हे इसे क्या अक्ल मंदी कहेंगे । जी हाँ दोसोतों यह कार्यवाही बिना किसी दुर्भावना के हो तो अकाल मंदी कही जा सकती हे लेकिन यही कम पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत हो तो फिर इसे महा अक़ल्म्न्दी की संज्ञा दी जा सकती हे , हमारे देश में भी यही सब कुछ हो रहा हे देश में घोटाले पर घोटाले कोंग्रेस और भाजपा घोटालों की सरताज बनी हे संचार घोटाला मामले को लें वर्ष २००१ से जांच के निर्णय के बाद भाजपा भी जांच के दायरे में आ गयी हे भाजपा को बयान देना पढ़ रहा हे के मय्या मोरी में नहीं माखन खायो अब जब देश में इस तरह का माहोल हो तो हर बार की तरह देश के मुख्य मुद्दों को छुपाने की जो साज़िश यहाँ धार्मिक भावनाएं भड़का कर रची जाती हे वही फिर रचने का प्रयास हो रहा हे देश की जनता का ध्यान भ्रष्टाचार के मुद्दों से दूर हटे और वोह भावनाओं जज्बातों में बह कर साम्प्रदायिकता ,धर्मान्धता के नाम पर पुराने मुद्दों को भुलाने का प्रयास करे बस यही यहाँ हो रहा हे राहुल देश के लियें समाज के लियें कोई इम्पोर्टेंट फिगर नहीं हे राहुल राजिव गांधी और सोनिया गाँधी के पुत्र हे यह क्वालिटी अगर उनसे मायनस कर दी जाए तो फिर इन की क्वालिटी जीरों हो जाती हे वोह ना बोल सकते हें न लिख सकते हें उन्हें अपने निर्णयों में दूसरों के सहारों की जरूरत होती हे तो ऐसे किसी भी व्यक्ति के किसी भी बयान पर बवाल मचाना बेवकूफी नहीं तो और क्या हे , दोस्तों कोंग्रेस और भाजपा हमारे देश की जनता को खूब जानती हे और इसीलियें देश को गलत दिशा देने के लियें भाजपा के लोग अब यही सब कर रहे हें लेकिन कहते हें के अपराध सर चढ़ कर बोलता हे और अब जो भ्रष्टाचार भाजपा और कोंग्रेस ने किया हे उसे जनता किसी भी बहाने से माफ़ करने वाली नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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राहुल ने क्या कहा था? यह अब प्रमुख नहीं है। लेकिन विकीलीक के केबल खुलासे के बाद मीडिया ने जिस तरह से खबर को प्रसारित किया और उस से जो बवाल पिछले दो दिनों में देखने को मिला है उस से लगता है कि भाजपा, संघ और उन की सहयोगी शक्तियाँ राहुल के बयान को सच साबित करने पर तुल गए हैं।
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