ऐ खुदा
तू ही बता
तू जो चाहता हे
वही
सब कुछ
होता हे
फिर कुछ भी
होने पर
इंसान को
यूँ बेवजह
क्यूँ बदनाम करता हे
इंसान को देख
वोह तुझे
कभी मन्दिर तो कभी मस्जिद
तो कभी गिरजा कभी
गुरुर्द्वारे में
ढूंढता हे
लेकिन तू हे के
कहीं नहीं मिलता हे
देख ले तू
इंसान क्या हे
तेरी इस तलाश में
कभी हिन्दू
मुसलमान से
तो कभी मुसलमान
हिन्दू से
लढता हे
और तेरी तलाश में
दंगे भडका कर
खुद ही मरता हे
ऐ खुदा
तू ही बता
तू ऐसा क्यूँ
और किसलियें
करता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)