आपका-अख्तर खान

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18 दिसंबर 2010

ऐ खुदा तू ही बता ........

ऐ खुदा
तू ही बता
तू जो चाहता हे
वही
सब कुछ
होता हे
फिर कुछ भी
होने पर
इंसान को
यूँ बेवजह
क्यूँ बदनाम करता हे
इंसान को देख
वोह तुझे
कभी मन्दिर तो कभी मस्जिद
तो कभी गिरजा कभी
गुरुर्द्वारे में
ढूंढता हे
लेकिन तू हे के
कहीं नहीं मिलता हे
देख ले तू
इंसान क्या हे
तेरी इस तलाश में
कभी हिन्दू
मुसलमान से
तो कभी मुसलमान
हिन्दू से
लढता हे
और तेरी तलाश में
दंगे भडका कर
खुद ही मरता हे
ऐ खुदा
तू ही बता
तू ऐसा क्यूँ
और किसलियें
करता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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