तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 दिसंबर 2010
में इंसान नहीं ......
लोग कहते हें
बे इश्क
इंसान की
क्या शान हे
जिसे इश्क नहीं
वोह भी क्या
इंसान हे
में कहता हूँ
मुझे
किसी से
इश्क नहीं
क्योंकि इश्क धोखा हे
इश्क बेईमान हे
अब बताओ
मुझे इश्क नहीं
तो क्या में
इंसान नहीं ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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यह भी एक बड़ा सवाल है।
जवाब देंहटाएंईश्क न होना भी बवाल है।
ईश्क मिजाजी न हकीकी हो
तब ही मियाँ कुछ कमाल है।