देखो सोते हुए
चाँद को
कुछ
सूरज ने
इस तरह जगाया हे
चाँद की
अलसाई आँखों में
जगमग जग सारा हे
चमक कितनी हो चाँद की
लेकिन फिर भी
धब्बा सा जो इस पर लगा हे
वोह धब्बा आज सबसे प्यारा सबसे न्यारा हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 दिसंबर 2010
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सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।
जवाब देंहटाएंshaandaar anubhav........
जवाब देंहटाएंसूरज जब जगायेगा चाँद को तो धब्बा तो लगना ही है
जवाब देंहटाएंअख़्तर ख़ान अकेला जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
सोते हुए
चांद को
सूरज ने
जगाया है …
भई वाह ! वाऽऽऽह !
अच्छा काव्य प्रयास है
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार