तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 दिसंबर 2010
ऑर्डर ऑर्डर मुझे दुल्हन नहीं दहेज़ चाहिए
जी हाँ दोस्तों एक जज साहब ऐसे भी हें जो अपनी निजी जिंदगी में ऑर्डर ऑर्डर करके मुझे दुल्हन नहीं धज चाहिए का नारा लगाते हें और दहेज़ की मांग पूरी नहीं होने पर लडकी पक्ष को डराते धमकाते हें इससे भी जब बस नहीं चलता तो माइकल की तरह दारु पीकर दंगा मचाते हें । देश में कानून के रक्षक बने यह जज साहब मध्यप्रदेश के शिदोल में अर्जुन नगर में मजिस्ट्रेट हें और इनका नाम इदर सिंह जी हे यह जनाब मोनिका नाम की एक लडकी से शादी करने गये थे लेकिन अचानक दहेज़ नहीं तो दुल्हन नहीं की सनक सवार हो गयी और इन जनाब ने वधु पक्ष का जीना दुश्वार कर दिया दुल्हन मोनिका का रो रो कर बुरा हाल था कई बार इन जनाब को समझाया ग्याआआ लेकिन पहले तो यह जनाब शराबा पीकर सिगरट के काश खेंचते हुए घोड़ी पर बेठ कर आये और फिर जब दहेज़ की मनमानी मांग रखी तो लडकी पक्ष के लोगों के होश उढ़ गये उन्होंने काफी मिन्नतें की लेकिन जनाब जज साहब हें ऑर्डर ऑर्डर करने लगे बस फिर इन जज साहब की हरकतें जब बर्दाश्त से बाहर हो गयीं तो दुल्हन और उसके रिश्तेदारों का आम आदमी जाग उठा इन लोगों ने जो हुआ इसकी सुचना थाने में दी अब जज साहब जो दूसरों के फेसले करते हें खुद ही दहेज़ के मुकदमें में फंस गये हें और इनकी शिकायत हाई कोर्ट रजिस्ट्रार से भी कर दी गयी हे एक आम इंसान क्या जागा के जज साहब की नोकरी के तो लेने देने ही पढ़ गये हें साथ ही अब उन्हें खुद को बचाने की मशक्कत करना पढ़ रही हे । तो जनाब आदमी किता ही बढा हो लेकिन पीड़ित पक्षकार के अंदर छुपा आम आदमी अगर जाग जाता हे तो बस फिर वोह सभी की वाट लगा अदालत हे इसलियें दोस्तों खुद अपने अंदर और पास पडोस के लोगों में आम आदमी को ज़िंदा रखने के प्रयास हम और आप करते रहें ताकि देश समाज से गंदगी धीरे धीरे दूर होते रहे और आदर्श समाज स्थापित हो सके। आखर खान अकेला कोटा राजस्थान
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बिल्कुल आम आदमी को खुद ही जागना होगा तभी खरपतवार दूर होगी।
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