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24 दिसंबर 2010

बस्ती हटाने के मामले में विधायक की तकरार

कोटा में वर्षों से एक बसी हुई बस्ती प्रेम नगर बस्ती जहां बसे हुए लोगों को उजाड़ कर सरकार यानि सरकार की एजेंसी नगर विकास न्यास एक मल्टी स्टोरी बनाना चाहती हे , सरकार का कहना हे के य्हना हम कम आय वर्ग के लोगों को सस्ती कीमत पर मकान बनाकर देंगे , सरकार का यह भी कहना हे के जिन्हें हम हटायेंगे पहले दूसरी जगह बसायेंगे देश के किसी कोने में क्या होता हे यह तो मुझे पता नहीं लेकिन यह मेरे राजस्थान का कोटा शहर हें यहाँ हटाने और बसाने का सरकारी स्तर पर जो नंगा खेल चलता हे उसे देख लो तो उती आने लगे , सरकार कुम्भकर्ण की नींद सोती हे सरकारी ज़मीं पर बस्तियां बस्ती हें अख़बार में खबरें छपती हें लोग शिकायत करते हें लेकिन सरकार बस्तियों को बसने देती हे वर्षों बाद बस्ती में सडकें नाली पतन की सुविधा देती हे नल बिजली तो लग ही जाते हें बस फिर बस्ती लाखो से करोड़ों तक बिकती हे और इन कथित कच्ची बस्तियों में फाइव स्टार सुविधाओं से भी ज्यादा सुख सुविधा वाले मकान तय्यार हो जाते हें फिर सरकार की कुम्भ्करनी नींद जागती हे सरकार उठती हे और लाखों करोड़ों की लागत से बने इन मकानों को तोड़ कर उन्हें पुनर्वास के नामा पर कहीं किसी कोने में बसाना चाहती हे और बस फिर सरकार और बस्तीवासियों में जंग की शुरुआत होती हे ऐसी ही एक जंग कोटा के विधायक भवानी सिंह राजावत बस्तीवासियों के हित में लड़ रहे हें ।
कोटा के लाडपुरा विधान सभा इलाके में प्रेमनगर बस्ती हे इस इलाके में भाजपा के भवानीसिंह राजावत दूसरी बार विधायक चुने गये हें यह वही विधायक हें जिनके तलवे वर्तमान नगर विकास सचिव चाट चाट कर अरब पति बनते रहे हें और यही अधिकारी महोदय राजावत जी के इशारे पर कत्थक का डांस करते देखे गये हें लेकिन अब राज बदल गया हे अब कोंग्रेस का राज हे अब यही अधिकारी तोते की तरह नजरें बदल कर बेठे हें और इन्होने अपना रुख कोंग्रेस के इशारे पर नाचने वाला कर लिया हे , खेर बात प्रेमनगर बस्ती की थी इस बस्ती को कोंग्रेस के मंत्री रहे रामकिशन वर्मा के वक्त बसाया गया था फिर जब कोंग्रेस विधायक पूनम गोयल के वक्त इस बस्ती को हटाने की बात आई तो वोह भी बिफर गयीं लेकिन फिर भाजपा के विधायक भवानीसिंह बस्तीवासियों के हर दिल अज़ीज़ हो गये तो भाजपा के शासन में भी इस बस्ती को हटाने के ख्याल को राजावत के कोप भाजन के बाद सरकार को अपना इरादा बदलना पढ़ा अब अधिकारी वही हे बस सरकार बदली हे इसलियें अधिकारी जी अपनी जिद पर अड़ गये हे उन्होंने कोंग्रेस के नेताओं को गुमराह किया हे गलत संदेश दिए हें और जब बस्ती हटाने के निर्णय को नहीं बदला गया तो राजावत विधायक जी के नेत्रत्व में बस्तीवासी नगर विकास न्यास जा पहुंचे जो अधिकारी राजावत जी के इशारे पर नाचता था वोह अधिकारी अपने दफ्तर के दडबे में जाकर छुप गया उसे बुलाया गया वोह बात करने नहीं आया बस्ती के शिष्ट मंडल को जवाब देने के लियें इन अधिकारी महोदय का सामना तक करने का साहस नहीं था बस यह पब्लिक हे सब जानती हे इसलियें आक्रोशित हो गयी और एक जनता के नोकर को जो जनता की सेवा के लियें लाखों रूपये का अवेत्न और करोड़ों की रिश्वत लेता हे उसे बचाने के लियें कोटा की पुलिस मोर्चे पर आ गयी धक्का मुक्की फिर तू तड़ाक और फिर लाठी भाटा जंग शुरू हो गयी कुछ बस्ती वासी घायल हुए तो कुछ पुलिस कर्मियों के क्रत्रिम चोटें बनाई गयी और फिर मुकदमें बजी का दोर शुरू हो गया इस पुरे एपिसोड में सरकार लाठी भाटा और पुलिस का डर बता कर चाहती हे के बस्ती वासी मोर्चे से हट जाएँ लेकिन अब विधयक भवानी सिंह जी ने भी इस मामले को प्रतिष्टा का प्रश्न बना लिया हे और वोह अपने पुरे लाहो लश्कर के साथ मर्दानगी से मोर्चे पर डट गये हें देखते हें सरकार के इस तबाही और बर्बादी के बाद पुनर्वास के इस खेल में आगे किया होता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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