आपका-अख्तर खान

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05 जनवरी 2011

रिश्ते अपने

अपने
रिश्ते पर
नाज़ हे हमें
कल जितना भरोसा था
उतना ही भरोसा
आज भी हे हमें
रिश्ते वोह नहीं
जो मतलब से
एक दुसरे का साथ दें
बस हर रिश्ते में
इंसानियत का एहसास हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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