तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 नवंबर 2010
खबरों का अब क्या करेंगे
दोस्तों चाय के साथ अख़बार का मजा दो दिन आप और हम नहीं ले सकेंगे क्यंकि अख़बार वाले भी अब दो दिन की दीपावली और भाई दूज के मजे लेंगे आज अख़बार में दो दिन के अवकाश की सुचना देखी तो समझ में आया के इन दो दिनों में खबरें कहाँ से मिलेंगी । लेकिन टीवी चेनलों की तो छुट्टी नहीं हे इसलियें खबरें थोड़ी बहुत तो वहां से मिल ही जायेंगी लेकिन टीवी की खबरों और अख़बार की खबरों में जमीन आसमान का फर्क होता हे इसलियें अब क्या कर सकते हें सब्र तो करना ही पढ़ेगा और इस बेचेनी से एक बात तो स्पष्ट हे इलेक्ट्रोनिक मिडिया चाहे जिस शिखर पर पहुंच जाए लेकिन देश में प्रिंट मिडिया की अहमियत कभी कम नहीं हो सकती और इसे बचाने के लियें सरकार को प्रेस कोंसिल कानून और प्रेस पुस्तक पंजीकरण कानून में संशोधन करना ज्रुरुई हो गया हे जिसमे प्रिंट मिडिया के मालिक और कर्मचारी भी पाबन्द हो लेकिन दुरी तरफ उनकी सुरक्षा और सुविधा के भी प्रावधान हों । अख्तर कहाँ अकेला कोटा राजस्थान
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