तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 नवंबर 2010
यह केसे अख़बार हे भाई ....
आज सुबह सवेरे आदर्श ,न्याय और समाज सुधार के अभियान का दम्भ भरने वाले देनिक भास्कर अख़बार को जब मेने देखा तो अख़बार के मुख परस्त पर खबर नहीं शिमला पान मसाले का फुल पेज का विज्ञापन था विज्ञापन के नीचे छोटे से अक्षर में लिखा था के वैधानिक चेतावनी यह आपके स्वास्थ्य के लियें हानिकारक हे , में सोचने लगा जिस पत्रकारिता को बुराइयों बुरी लत और आदतों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए वोह इनकी बिक्री में विज्ञापित योजना के तहत सरे फेहरिस्त हें , मेने देखा के अक्सर अख़बार टी वी चेनल अपनी माँ मर्यादाएं तक में रख कर देश को उल्लू बना रहे हें जनता से कहते हें के पण बीडी सिगरेट शराब देश की जनता ओर समाज के लियें हानिकारक हे और दूसरी तरफ कहते हें के भाई खूब खाओ खूब पियों ताज्जुब इस पर हे के हमारा संविधान एक तरफ तो कल्याणकारी व्यवस्था के तहत जनता के स्वस्थ और चरित्र की रक्षा के लियें निति निर्देशक तत्व बना कर सरकारों पर जिमेदारी डालता हे और दूसरी तरफ यही सरकार संविधान के इन सिद्धांतों के विपरीत बढ़े उद्योगपतियों से रूपये कमाने के लालच में इन्हें देह में जहर बेचने की अनुमति देते हें कितनी अजीब बात हे हमरे इस भारत देश में ज़हर बेचें वालों से तो कहते हें के खूब बेचो खूब खिलाओ नहीं बिके तो एलान करवाओ विज्ञापन करवाओ लेकिन बिक्वाओ बस एक शर्त हे के कहते से अक्षरों में वैधानिक चेतावनी ईख दो के यह स्वस्थ के लियें हानिकारक हे अरे भाई जो चीज़ स्वास्थ्य के लियें हानिकारक हे और सरकार इसे जानती हे तो फिर वोह जनता को मरवाने के लियें क्यूँ ऐसी हानिकारक चीजें बिकवा रही हे सिर्फ इसलियें के देश की जनता इन चीजों से या तो मर जाए या फिर बीमार होकर अस्पतालों में भर्ती हो हे ना मजेदार सरकार और हमारे देह के मजेदार अख़बार जो सिर्फ अपनी सोचते हें जनता की नहीं सोचते। फिर भी कहते हें के मेरा भारत महान हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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