देश के नक्सल प्रभावित इलाकों के सभी स्कुल जहां स्कूलों की शिक्षा बंद कर नक्सलियों के खिलाफ कार्यवाही के लियें सुरक्षा बलों को ठहराया गया हे वहां से अब स्कुल खाली होगे और सुरक्षाबलों को हटा कर वापस से बच्चों की पदाई का सिलसिला शुरू होगा पिछले दिनों नक्सल हमलों की बढती हुई गतिविधियों को देखते हुए इसे नियंत्रित करने के लियें सरकार ने स्कूलों में पढाई बंद करवा कर सुरक्षा बल ठहरा दिए थे और वहन बच्चों की पढाई ठप्प पढ़ी थी इसीलियें इस क्षेत्र के लोग सुप्रीम कोर्ट में याचक बन कर गये जहां सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद सरकार को यह निर्देश दिए ।
देश में जब भी चुनाव,जन गणना या फिर कोई भी काम हो बेचारे स्कुल भवनों और स्कुल के अध्यापकों पर ही गज गिरती हे उन्हें गेर शिक्ष्ण कार्यों में लगाकर कहते हें के भाई स्कूलों में पढाई क्यूँ नहीं करवाते हो वेसे तो सरकारों का निर्णय हे के किसी भी स्कुल भवन या स्कुल अध्यापक को गेर शिक्ष्ण कार्य में नहीं लगायेंगे फिर भी देश में अधिकतम कम स्कुल के शिक्षकों से ही लिया जाता हे । देश के लियें यह एक गम्भीर बात हे देश और देश के नेता पत्रकारों को इस पर विचार करना चाहिए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 नवंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
kash aisa jaldi ho............:)
जवाब देंहटाएं