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16 नवंबर 2010

प्रधानमन्त्री जी इस्तीफा नहीं दो तो कमसे कम जवाब तो दो

आदरणीय प्रधानमन्त्री जी इदुल जुहा की मुबारकबाद यह त्यौहार क़ुरबानी का हे देश को आज आपकी क़ुरबानी की जरूरत हे लेकिन हम जानते हें आप अब नोकर से नेता बन गये हो इसलियें देश के लियें कुर्बानी देणा आपके बूते की बात नहीं हे अरे भाई ठीक हे क़ुरबानी मत दो लेकिन देश को कुछ अनसुलझे सवालों का जवाब तो दे दो । प्रधानमन्त्री जी आप जानते हें के सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार आपके देश में भ्रस्ताचार रोकने और उसको समर्थन करने के मामले में सवाल उठाया हे आपसे खुद से पूंछा गया हे के आखिर कोनसी मजबूरी थी के आपने देश में १७६ लाख करोड़ के घोटाले की जानकारी आने के बाद भी इस मामले की जांच नहीं करवाई उलटे सुब्रमन्यम स्वामी ने जब मुकदमे के मामले में आपसे विधिवत स्वीक्रति चाही तो आपने काफी लम्बा वक्त गुजरने के बाद भी ना तो भ्रस्ताचार रोकने की कोशिश की और ना ही भ्रष्ट लोगों को सजा दिलवाने के मामले में आपने कुछ कदम उठाया इसके पहले देश में चीनी घोटाला , कीमतों में जमाखोरी और वायदा व्यापार के बाद क्रत्रिम व्रद्धी की पुख्ता शिकायतें आपके पास हें लेकिन आप हें के खामोश मूकदर्शक बने हें हो सकता हे आप इस भ्रष्टाचार में शामिल नाहों हो सकता हे आप इस भ्रस्ताचार में खुले रूप से हिस्सेदार हो सच कुछ भी हो लेकिन शीर्ष पद पर बेठने के बाद भ्रस्ताचार की जानकारी आपके पास आने के बाद आपकी चुप्पी देश के लियें घातक हे और आप देश के कानून मां मर्यादाओं के तहत खुले रूप से भ्रष्टाचार के दोषी हें , आपने एक बहुत बढ़ा अपराध और किया हे देश में अब तक कोंग्रेसी नेता या कोंग्रेसी समर्थित दुसरे दलों के नेता ने जो भी खुला भ्रस्ताचार किया हे वोह जनता के सामने आने के बाद उसे पद से तो हटा दिया गया हे लेकिन उसके खिलाफ कोई जंह कोई एफ आई आर को सी बी आई जांच नहीं करवाई हे यह केसे प्रधानमन्त्री हें आप आपके लियें देश से बढकर भ्रष्ट नेता हो गये हें आप जिन्हें सजा देने के लियें ज़िम्मेदार हें उनके बगलगीर बने हें यह केसी नेतिकता हे आप में भाई में इस देश का नागरिक होने के नाते इश्वर से दुआ करता हूँ के आप अपने जमीर को जिंदा करें और देश में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार और उस को रोकने में असफल होने की नेतिक ज़िम्मेदारी लें और अपने पद से इस्तीफा दें अगर ऐसा नहीं कर सकते तो प्लीज़ दोषी लोगों को जेल तो भेज दो क्या मेरे इस महान भारत के लियें आप क़ुरबानी के इस त्यौहार पर यह क़ुरबानी दे स्केकंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. ये बेशर्म क्या जबाब देंगे ? इस्तीफा देने का तो मतलब ही नहीं |

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