तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 नवंबर 2010
क़ुरबानी के बकरों का इस्तकबाल किया
देश में एक संस्था ऐसी भी हें जो दिवंगत आत्माओं के लियें काम करती हे और कोटा में कार्यरत यह संस्था क़ुरबानी के पहले कोटा के सारे बकरों को अख्ट्टा करती हे और दिन भर इन बकरों को नुमाइश कर बाज़ार में प्रदर्शनी लगाकर इन बकरों को जलेबी और मनचाहे व्यंजन खिलाती हे कहने को तो यह एक मजाक हे लेकिन कर्मयोगी संस्था के अध्यक्ष राजाराम जेन कर्मयोगी का कहना हे के आत्मा अमर हे और धार्मिक परम्पराओं को निभाना भी जरूरी हे लेकिन म्रत्यु के पूर्व अगर बकरों का सम्मान कर दिया जाए तो क्या हर्ज हे राजाराम सभी धर्म के त्योहारों पर अनूठे कार्यक्रम आयोजित करते हें और लावारिस शवों का अंतिम संस्कार लगातार कर रहे हें इन के द्वारा देश में पहली ऐसी व्यवस्था की गयी हे फोन पर ही श्मशान सामग्री अंतिम संस्कार की क्रियाएं और शव श्मशान तक ले जाने किसेवायें उपलब्ध कराते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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