तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 नवंबर 2010
महिला हिंसा संयुक्त राष्ट्र दिवस आज
ब्लोगर दोस्तों देश में आज महिला हिंसा संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जा रहा हे यहाँ प्रधान मंत्री को रिमोट से चलाने वाली यु पी ऐ अध्यक्ष सोनिया गाँधी,महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल,लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार सहित कई प्रमुख पदों पर महिलाएं हें भाजपा हो चाहे कोंग्रेस चाहे कोई सी भी पार्टी हो सभी में महिलाएं प्रभावशाली पदों पर हें लेकिन देश में एक महिला आरक्षण बिल वर्षों से अटका पढ़ा हे । देश में संयुक्त राष्ट्र के दबाव में महिला घरेलू हिंसा अधिनियम पारित किया गया लेकिन आज तक भी इस अधिनियम को पूर्ण रूप से लागु नहीं किया गया हे राज्यों ने इस मामले में नियम नहीं बनाये हें किसी भी अधिकारी ने खुद जाकर महिलाओं के हल नहीं पुंचे हें सत्ता सन्गठन और घर में महिला की स्थिति एक जेसी हे दफ्तर हो चाहे घर हो सभी लोग महिलाओं को उपभोग की वस्तु मां रहे हें घर बहर महिला हिंसा का डोर चल रहा हे सुप्रीम कोर्ट का विशाखा मामले में जारी निर्देशों की पालना नहीं हे दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं हे इसके लियें अधिकारीयों की नियुक्ति नहीं की गयी हे पिता एक्ट के तहत महिलाये सुरक्षित नहीं हे महिलाओं का नग्न प्रदर्शन करवा कर उन्हें नुमाइश की वस्तु बना दिया गया हे इसलियें थू हे ऐसे कानूनों पर ऐसी सरकारों पर जो अंतर्राष्ट्रीय दबाव में आकर कानून तो बनाते हे लेकिन इन कानूनों की क्रियान विती नहीं करते हें यह हमारा भारत देश हें जहाँ सुदर्शन जेसे लोग दुर्योधन बन कर महिला की माँ मर्यादा प्रतिष्ठा को धूमिल करते हें और महिला का उपयोग खुद अपने हित साधन के लियें करते हें हमे इस दिवस पर महिलाओं के कल्याण और सुरक्षा के लिए बने सभी कायदे कानूनों की समीक्षा कर उन्हें प्रभावशाली तरीके से क्रियान्विति करने की समीक्षा करना चाहिए महिला सास ,बहु,नन्द और सोत्न सब ऐसे नाम हे जो महिया ही महिला पर अत्याचार हिंसा करती हे इन सामजिक पहलुओं पर भी विचार के कोई नई महिला निति महिला नियम कानून बनाने के प्रयासों में आज से ही जुट जाना चाहिए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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