आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

24 नवंबर 2010

एक सुबह ऐसी भी ...

एक सुबह
आज ऐसी भी हे
ना वोह हें
ना उनकी याद
फिर भी
देखों
आँख में
मेरे आंसू हें
ना चेहरे पर
मेरे उदासी हे
आज एक
सुबह
ताजगी भरी
ऐसी भी हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...