आपका-अख्तर खान

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22 नवंबर 2010

आज उनकी याद आई

देखो आज हुई बरसार
और मुझे उनकी याद आ गयी
मोसम में इस बेमोसम
बरसात से
उनका यूँ ख़ुशी के माहोल में
बे वजह रोना
चुप चुप के बडबडाना
मानो बे मोसम
बरसात में
बादलों के साथ
बीजली कडक गयी हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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