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02 नवंबर 2010

मानवाधिकार के लियें भूख हड़ताल के दस साल

दोस्तों एक अजीब संयोग देखो दस दिसम्बर विश्व मानवाधिकार दिवस हे और आज से दस साल पहले मणिपुर इम्फाल में एक सशस्त्र गोलीबारी में दस लोगों की अकाल म़ोत हो गयी थी बस सरकारी इन हत्याओं के बाद से ही मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला इम्फाल में सशस्त्र कानून खत्म करने की मनाग पर भूख हड़ताल पर बेठी हें , दोस्तों यह शायद विश्व की सबसे बढ़ी भूख हड़ताल हे इस हडताल के दोरान ईमानदारी से दस वर्षों में शर्मिला ने कुछ खाया पिया नहीं हे बस जबरन उन्हें चिकित्सकों द्वारा फीडिंग दी जारही हे शर्मिला आज भी पुरे दस साल होने के बाद भी अपनी मांग पर अड़ी हे । विश्व की यह सबसे बढ़ी भीख हड़ताल और सरकार की सबसे बढ़ी हठधर्मिता का अनोखा नमूना हे और एक संयोग देखो के दस का आंकड़ा महत्वपूर्ण हो मानवाधिकार का दिवस दस दिसम्बर,भूख हड़ताल के साल दस,भूख हड़ताल का कारण दस लोगों की म़ोत हे न अजीब बात काश हमारे यहाँ में भी ऐसे जांबाज़ पैदा हो क्योंकि इम्फाल में तो शर्मिला एक पत्रकार एक कवयित्री हें जो अपनी भूमिका निभा आरही हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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