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20 अक्तूबर 2010

कोटा मुख्यमंत्री गहलोत जी और मुसीबतें

जी हाँ दोस्तों राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा और मुख्यमंत्री के कोटा आगमन का मुसीबतों और विवादों से चोली दमन का साथ हे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी कोटा में लगातार गहरा रहे बेवजह राजनितिक विवादों से कई सालों से तंग हें और वोह हर बार उत्साह के साथ कोटा आते हें लेकिन कोटा की राजनीती उन्हें हर बार निराश कर वापस लोटती हे लेकिन इन सब हालातों के बावजूद भी मुक्यमंत्री अशोक जी गहलोत का बडप्पन ही कहा जाएगा जो वोह ऐसे छिछोरे राजनीति से जुड़े लोगों को आड़े हाथो नहीं लेते हें और नजर अंदाज़ कर देते हें वेसे कोटा में मामले में खुद मुख्यमंत्री महोदय भी अँधेरे में रहते हें राजनितिक विवादों के बाद भी अधिकारी और राजनेता तू मेरी मत कह में तेरी नहीं कहूँ की तर्ज़ पर मुख्यमंत्री जी से कोटा के बहुत कुछ हालत छुपाते हें और खुद मुख्यमंत्री जी के निजी सोर्स इतने निर्भीक नहीं हे जो उन्हें सच्चाई की जानकारी दें , मुख्यमंत्री जी को अब इन हालातों में बेकाबू होती जा रही कोटा के राजनीति और अधिकारीयों को काबू में करने के लियें कोटा में अपने वफादार नये सोर्स तो तलाशना ही होंगे जो उन्हें कोटा के बारे में निर्भीकता और निष्पक्षता से अपना फीडबेक दे सकें ताकि कोटा पर मुख्यमंत्री जी की लगाम कसी रहे और बेकाबू होकर बेकुफी की हरकतें नहीं हों ।
दोस्तों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके पूर्व कार्यकाल में जब कोटा आये थे तब कोटा के दो मंत्री राम किशन वर्मा और शन्ति कुमार धारीवाल में गुटबाजी के कारण ठनी हुई थी दोनों एक दुसरे को नीचा दिखाने के लियें खुद को महिमा मंडित करवाने के लियें अपने अपने कार्यकर्ताओं से खुद को जिंदाबाद कहलवाते थे और मुख्यमंत्री जी फिर सर पकड़ कर बेठ जाते थे पिछले दिनों कोटा प्रेस क्लब के एक कार्यक्रम में तो मुख्यमंत्री जी के सामने गुटबाजी के चलते रामकिशन जी और धारीवाल जी समर्थकों में खुल कर लात घूंसे और कुर्सियां चली थी शायद खुद मुख्यमंत्री जी इस माहोल को याद कर सिहर जाएँ यह बद्तामिज़ियाँ कोटा में लगातार चल रही थीं के मुख्यमंत्री जी को दोनों गुटों को जयपुर बुला कर सुलह सफाई करवाना पढ़ी ।
कोटा में पूर्व केन्द्रीय मंत्री भुवनेश चतुर्वेदी के कार्यकाल में जब मुख्यमंत्री जी कोंग्रेस के वरिष्ट नेता के नाते वर्तमान विधायक रघु शर्मा के साथ कोटा आये थे तो यहाँ भुवनेश चतुर्वेदी समर्थकों ने उनके सामने सर्किट हाउस में रघु शर्मा के साथ मार पिटाई की थी इसके बाद रिपोर्ट दर्ज हुई और जो लोग इस मारपिटाई में शामिल थे आज वही गहलोत जी की सरकार में सरकारी वकील के पद पर मजे कर रहे हें यह सब गहलोत जी के विशाल ह्रदय का परिचय हे ।
आज कोटा में एक बार फिर अशोक जी गहलोत के आने पर धारीवाल जी मंत्री और भरत सिंह जी मन्त्य्री की गुट बाज़ी खुल कर सामने आ गयी भरत सिंह जी ने तो मर्यादाएं ताक में रख कर मीडिया में बयानबाज़ी भी कर दी और मुख्यमंत्री जी की कोटा यात्रा एक बार फिर तनाव पूर्ण हो गयी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत का बडप्पन ही कहा जाएगा के उन्होंने दोनों धड़ों आपसी समझाईश से काबू में क्या और कोंग्रेस की नाक कटने से बचा ली ।
इन सब हालातों में अब तो आदरणीय मुख्यमंत्री जी और कोटा यात्रा एक दुसरे के साथ विवादों का पर्याय बन गये हें लेकिन वक्त रहते अगर मुख्य मंत्री जी ने कोटा में अपने वफादारों को तलाश कर नये वफादार नहीं बनाये और सूचनाएं एक्त्रिकर्ण में धोखा रहा तो कोटा की राजनीती कभी भी आदरणीय मुख्यमंत्री जी की छवि को धूमिल कर सकती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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