इस दुःख भरी दुनिया में
सुखी रहने का एक
अनमोल फार्मूला हे
बोलो इसे अपने जीवन में
आज़माओगे
और इसे आजमाकर
बेहिसाब सुकून
अपनी जिंदगी में पाओगे ,
आज जो कुछ भी तुम्हारे पास हे
बस जीवन में इसी का तुम आनन्द लो
यही तुम्हारी जीने की आस हे
जो नहीं हे तुम्हारे पास
परेशान क्यूँ हो तुम
लगाकर उसे पाने की आस।
आपके पास जेब में
नब्बे रूपये हें
तो आप इन रुपयों का
भरपूर आनन्द लो
इन रुपयों में दस रूपये बढाकर
इन्हें सो रूपये करने के खेल में मत पढो
और केवल दस रूपये के लियें ना भाग्य को कोसो
न ही खुद से दुःख करों
दोस्तों सच यही हे
सो कभी पुरे नहीं होते
और जिंदगी के लियें
नब्बे रूपये भी कम नहीं होते
इसलियें दोस्तों
आकांक्षा में नहीं जो वर्त्तमान हे
उसमें जियें खुद बा खुद
सुख तुम्हारा गुलाम हो जाएगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 अक्तूबर 2010
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sundar
जवाब देंहटाएंआकांक्षा में नहीं जो वर्त्तमान हे
जवाब देंहटाएंउसमें जियें
सार्थक सोच