देखो आज
छोड़ी हे शराफत मेने
मेरा धंधा
आज काला हो गया
कल तक मुझे
पूंछते भी ना थे जो
आज उन्हीं के बीच
मेरा बोलबाला हो गया ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 अक्तूबर 2010
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वाह , काला धंदा बोलबाला करवा रहा है पर यही तो होता आ रहा है ।
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