में जनता हूँ यह सच हे
सतयुग ही था वोह
जब राम और रावण हुआ करते थे
में यह भी जानता हूँ
यह कलियुग हे
यहाँ राम रावण नहीं होते
यहाँ हिटलर जी लोग हें
जो रावण हें
यहाँ गाँधी जेसे लोग हें
जो इस युग के राम हें
में अब बस खुदा से
यही प्रार्थना करता हूँ
बस दुनिया में
रोज़ एक आदमी
ऐसा पैदा हो
जिसमे राम,क्रष्ण,पैगम्बर मोहम्मद , बुद्ध ,यीशु,महावीर ,गुरुनानक जेसा
प्रताप हो , उनकी जेसी सोच हो
कुछ लोग ऐसे हों जिनेम
कुंद कुंद, शंकराचार्य,कबीर जेसी आत्मा हो
बस तभी मेरे इस देश का
उद्धार हो सकेगा।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 अक्तूबर 2010
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nahi mere bhai, hamein kisi paigambar ya avatar ki zaroorat nahi hai ... waise zaroorat ho bhi to wo nahi aane wale hain ... is samaj ka, desh ka, duniya ka uddhhar hame hi karna hoga ... aur ye tabhi ho sakega jab ham khudko badal payenge .. khudke andar Raam, Jesus, Muhammad, Mahaveer, Buddha ya Gurunanak jaga payenge ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंजिसमे राम,क्रष्ण,पैगम्बर मोहम्मद , बुद्ध ,यीशु,महावीर ,गुरुनानक जेसा
जवाब देंहटाएंप्रताप हो , उनकी जेसी सोच हो
कुछ लोग ऐसे हों जिनेम
कुंद कुंद, शंकराचार्य,कबीर जेसी आत्मा हो
बस तभी मेरे इस देश का
उद्धार हो सकेगा।
Beautiful thoughts.
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beautiful poem!
जवाब देंहटाएंwah tatva ham sabme hai bas jaagrit karne ki aawasyakta hai!
regards,