चट्टान लोहे से कमजोर हे
इसीलियें तो लोहा
चट्टान को तोड़ता हे ,
लोहा आग से कमजोर हे
इसीलियें तो आग
लोहे को पिघला देती हे
आग पानी से कमजोर हे
इसीलियें तो पानी से
आग बुझ जाती हे ,
पानी हवा से भी कमजोर हे
इसीलियें तो हवा की आंधी
पानी को बहा ले जाती हे
लेकिन यह सब संकल्प के आगे
कमजोर और बहुत कमजोर हें
संकल्प को ना तो चट्टान दबा सकती हे
न लोहा इसे तोड़ सकता हे
आग इसे न जला सकती हे न पिघला सकती हे
पानी इसे बहा नहीं सकता
हवा संकल्प को छु नहीं सकती
फिर ऐ संकल्प वालों
तुम क्यूँ घबराते हो
क्यूँ लक्ष्य को नहीं जाते हो
बस उठो
मेरे देश को महान साबित करने के लियें
इसे भ्रस्ताचार,बेईमानी.साम्प्रदायिकता।
भुखमरी, गरीबी, अराजकता , आतंकवाद
से बचाने का संकल्प लो
और वोह कर दिखाओ जो हमारे पुरखों ने इस देश को
सोने की चिडया बना कर करके दिखाया था। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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