लोग कहते हें
भारतीय संस्क्रती
कीचड़ हे
में कहता हूँ हां कीचड़ हे
लेकिन
इस कीचड़ में
भारतियों की
कमल की तरह जीने की
संस्क्रती हें
मेरा देश कीचड़ हे
तो मेरे देश के लोग
इसका कमल हें
जो इस देश की
खूबसूरती को
चार चाँद लगा रहे हें
दोस्तों कीचड़ और दलदल में फर्क हे
दल दल आदमी को समो लेता हे
कीचड़ कमल पैदा करता हे
कीचड़ में कीड़ों की तरह से
तुम मत जियो
कमल बनो और सोना बनकर जियो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 अक्तूबर 2010
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बहुत ही सुंदर सन्देश....
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