आपका-अख्तर खान

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28 अक्तूबर 2010

जख्मी जिगर

मेरे जख्मी जिगर को
यूँ हंस कर सिया मेने
मानो जीत की ख़ुशी का
जाम पिया हो तुने
तेरी इस अदा पर
लोग यूँ सोचने लगे हें
जेसे कभी मुझ से
प्यार क्या हो तुने ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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