साडी की
एक दूकान पर
एक महिला पहुंची
महिला ने दुकानदार से कहा
भाई जरा मुझे
ऐसी साडी दिखाओ
जिसे देख कर
मेरी पड़ोसन जल भुन कर
ख़ाक हो जाए
महिला की बात सुनकर
दुकानदार बोला
बहनजी ऐसी तो एक ही साडी थी
जो आपकी पड़ोसन ले गयी ,
दोस्तों यह सच हे
बहुत कुछ खुद अपने लियें नहीं करते हें
हम सोचते हें हमने यह पहना तो लोग क्या कहेंगे
हमने यह क्या
तो लोग क्या कहेंगे
हमें खुद से ज्यादा दूसरों की फ़िक्र होती हे
इसलियें दोस्तों दूसरों की फ़िक्र छोड़ो
खुद की फ़िक्र करो
सब ठीक और बहुत ठीक हो जाएगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 अक्तूबर 2010
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:):) सटीक व्यंग
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