ऐ भाई
तू जानता हे
आखिर में
तुझे
मिटटी में
मिल जाना हे
फिर तू ही सोच
क्या तुझे
मिटटी की तरह
विनम्र नहीं होना चाहिए
तुझे पता हे
तेरी काया
मिटटी से कुछ
अधिक नहीं हे
सोच ले
अगर तुझ में
मिटटी जेसी
विनम्रता नहीं
तो फिर
तू यह
याद रख
तू भी जल्दी मिटेगा
और इसी मिटटी
में मिल जायेगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा rajsthan
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 अक्तूबर 2010
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सही है आखिर में सब मिट्टी में मिल जाना है|
जवाब देंहटाएंतू भी जल्दी मिटेगा
जवाब देंहटाएंऔर इसी मिटटी
में मिल जायेगा ।
....सत्य तो कह दिया आपने