तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 अक्तूबर 2010
राजस्थान शिक्षा बोर्ड के हसीन सपने
राजथान शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों की व्यवस्था सूधारने के लियें मुंगेरीलाल की तरह हसीन सपने देखे हें , राजस्थान के शिक्षा बोर्ड के अधिकारीयों ने ६५० करोड़ की एक योजना बनाई हे जिसमे उनका कहना हे के सभी स्कूलों को सेटेलाईट से जोड़ा जाएगा और इसीस माध्यम से स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति और अध्ययन पर नजर रखी जा सकेगी , आप खुद ही सोचिएं ६५० करोड़ के इस प्लान में क्या यह सम्भव हे , क्योंकि कई स्कूलों की भोगोलिक स्थित आज भी ऐसी बनी हे के वहां पहुंचने के लियें पक्की सडक नहीं हे फिर इंटरनेट , सेटेलाईट से उस पर नियन्त्रण कितनी हंसी की बात हे , कहने को तो चुटकुले के बतोर स्कूलों में स्टूडियों स्कुल से ही सवाल जवाब पुन्च्ने और लिखवाने की व्यवस्था का सपना देखा गया हे लेकिन इस सरकार और भर्स्ट सरकारी तन्त्र में यह असम्भव सा हे । कोटा में दूरस्थ शिक्षा के नाम पर कोटा खुला विश्व विद्यालय में करोड़ों करोड़ रूपये के सिस्टम आज भी सड रहे हें और उन्हें मजबूरी में कबाड़े के भाव बेच कर अधिकारीयों ने लाखों करोड़ों के वारे न्यारे किये हें ऐसे में राजस्थान शिक्षा बोर्ड का यह सपना मुंगेरीलाल के हसीन सपने की तरह ही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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खान साहब कुछ नया पुराना नहीं होगा तो कमाई कैसे होगी |
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